पैसा न ढेला रायपुर को मेला
- पैसा न ढेला रायपुर को मेला
पैसा न
ढेला रायपुर
को मेला
एक बार क्या हुआ मैं एक गांव मैं काम के दौरान गया तो एक दादा जी अपने घर मैं जोर जोर से हल्ला कर रहे है मैंने सोचा पता नहीं का हो गया जैसे घर के नजदीक गए तो देखा दादी अम्मा घर से रोती हुई बाहर आई | मैं पूंछ तो नहीं सकता था कि अम्मा का हो गए ,,मैं बापस आने लगा तो एक आदमी मेरे पीछे खड़ा था मैंने उससे पूंछा की भाई का हो गया
तो आदमी ने जबाब दिए पैसा न ढेला रायपुर का मेला। दिमाग घूम गए आखिर का कह रहा है
मैंने आदमी की ओर देखता रह गए मैंने सोचा GOOGLE सर्च कर लेते है
सर्च किआ तो आया DID NOT MATCH AN DOCUMENT
इतने मैं देखा की वो आदमी पास के पेड़ के नीचे एक चबूतरे पर बैठकर बीड़ी पी रहा है मैं फिर से उसके पास गया और पूछा भाई बताओ की इस कहाबत का मतलब का है
तो आदमी बोला
पैसा का मतलब रुपए
ना का ,मतलब नहीं
ढेला का मतलब है ईंट का वो छोटा सा हिस्सा जिसे उपयोग मैं नहीं ला सकते है
रायपुर का मेला - रायपुर अहा का एक छोटा सा गांव है जहा हर साल मेला लगता है
अच्छा इसके बाद समझ आए की दादीमां कही जाने की जिद कर रही है और दादा जी के पास पैसे नहीं है
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