मेआयी को मूरा दोस्तों मेआयी का मतलब may i नहीं है और मैं आई भी नहीं है मूरा का मतलब यहाँ मूली बिलकुल भी नहीं हैं मेरे कहने का मतलब अपने बुंदेलखंड मैं ये कहावत बहुत प्रचलित है अब कोई व्यक्ति कभी फ्री बैठा हो और कोई अन्य व्यक्ति कही साथ जाने की बात करे और फ्री बैठा व्यक्ति जाने के लिए मना कर दे या किसी काम के लिए मना कर दे तो लोग कहते है कि कुन तुम ईते बैठे मेआयी को मूरा या साध रये | इस कहावत का मतलब यहाँ से निकलकर आता है की मेआयी --गांव मैं कच्चे मकानों, जिनकी छत खपरैल से ढकी होती है , उस छत को नीचे से सपोर्ट देने के लिए होती है और यदि वो टूट जाती है तो उसे गिरने से कोई नहीं रोक सकता है मतलब खपरैल का बजन ज्यादा होता है मूरा का मतलब यहाँ मेआयी का एक सिरा होता है जो भारी होता है जय बुंदेलखंड जय भारत by -
बढिया
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